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लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया, Start Up: नया बिजनेस आइडिया. कम पैसे मे अच्छा बिजनेस, कम लागत वाले बिजनेस जो देंगे ज्यादा लाभ

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    लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया Start Up नया बिजनेस आइडिया

    लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया Start Up नया बिजनेस आइडिया.jpg

    बेरोजगार होने पर आपके मन में तमाम तरह के विचार आते हैं। मन मुताबिक नौकरी न होने पर भी अक्सर लोग बिजनेस करने की प्लानिंग करते हैं लेकिन बिजनेस में लगने वाली लागत को देखते हुए लोग निराश हो जाते हैं। निराश होने की जरूरत नहीं है। हम आपको कुछ ऐसे बिजनेस की जानकारी दे रहे हैं जो कम पैसों में भी शुरू किए जा सकते हैं। इनमें मुनाफा भी अच्छा खासा होता है। ऐसे कई सफल उदाहरण हैं जिन्होंने छोटे से बिजनेस से अपनी शुरुआत की और आज वह बड़ी कंपनियों के मालिक हैं। आइये जानते हैं कम पैसों में शुरू होने वाले बिजनेस के बारे में।

    उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया:

    लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया में उद्यमी को कुछ निश्चित क्रियाकलाप करने पड़ते हैं। यद्यपि यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक उद्यमी वित्तीय संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करके ही उद्यम स्थापित करे क्योंकि कई उद्यमी अपने स्वयं के वित्तीय स्रोतों से भी इकाई स्थापित करने में सक्षम होते हैं, परंतु इसके बावजूद भी उनको कुछ महत्वपूर्ण चरणों से गुजरना आवश्यक है क्योंकि इनके बिना उनको शासकीय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सकता है। जो उद्यमी इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को सिलसिलेवार पूरा करते हैं। वे सपफलता प्राप्त करते हैं। लघु उद्यम के स्थापना की प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

    1. प्रथम चरण के अंतर्गत उद्यमी कोई इकाई विशेष स्थापित करने का निर्णय लेता है तथा उसकी अनुमानित योजना तैयार करता है।
    2. द्वितीय चरण के अंतर्गत वह इकाई की स्थापना हेतु आवश्यक कदम उठाता है तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा चाही गई शर्तें पूरी करता है तथा
    3. तृतीय चरण में इकाई को यथार्थ रूप देने हेतु कार्य करता है तथा इकाई स्थापित करता है।

    इन विभिन्न चरणों के अंतर्गत उद्यमी द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलाप निम्नानुसार है:

    1. उद्यमिता का क्षेत्र अपनाने का निर्णय:

    उद्यम स्थापित करने की प्रक्रिया में सर्वप्रथम व्यक्ति को यह निर्णय लेना होता है कि उपलब्ध विभिन्न उद्योगों के विकल्पों में से वह किस क्षेत्रा में जाना चाहता है तथा किस प्रकार की इकाई स्थापित करना चाहता है। यथा-सेवा अथवा मरम्मत इकाई, असेंबलिंग इकाई अथवा उत्पादनकारी इकाई। उद्यमिता के किसी क्षेत्रा विशेष का चयन उद्यमी अपनी इच्छा से, पारिवारिक पृष्ठभूमि की वजह से अथवा किसी प्रकाशन अथवा प्रशिक्षण से प्रेरित होकर भी कर सकता है।

    1. इकाई विशेष की स्थापना का निर्णय

    उद्यमिता के क्षेत्रा के चयन का महत्वपूर्ण निर्णय लेने तथा इस संदर्भ में अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करने के उपरांत व्यक्ति को यह निर्णय लेना होता है कि कौन-सी इकाई स्थापित की जाए? अपनी रूचि, शैक्षणिक योग्यता तथा तकनीकी योग्यता, परिवार तथा संबंधियों से मिलने वाली सहायता, अपने वित्तीय तथा अन्य स्रोतों को देखते हुए तथा अपने क्षेत्रा विशेष में उपलब्ध तथा प्रस्तुत संभावनाओं को देखते हुए व्यक्ति किसी उद्यम/उत्पाद विशेष की स्थापना का निर्णय लेता है।

    1. प्रस्तावित इकाई/उत्पाद से संबंधित बाजार सर्वेक्षण करना

    बाजार सर्वेक्षण से उद्यमी को यह पता चल जाता है कि उसके उत्पाद की बाजार में चल सकने की कितनी संभावनाएं हैं, जिसके आधार पर वह इकाई की स्थापना का अंतिम निर्णय लेने की समर्थ हो जाता है।

    1. उद्योग स्थापित करने के स्थल का चयन

    बाजार सर्वे के दौरान एकत्रित किए गए तथ्यों के आधार पर उद्यमी यह भी निर्णय लेता है कि उस इकाई को कहां पर स्थापित करना उपयुक्त होगा। अतः वह इकाई के स्थापना स्थल का चयन भी इसी बीच कर लेता है।

    द्वितीय अवस्था:

    उद्यम स्थापित करने में विभिन्न सहायक तथा अन्य नियमनकारी संस्थाओं द्वारा चाही गई शर्तें/नियमन/औपचारिकताएं पूरी करने हेतु उद्यमी द्वारा उठाए जाने वाले कदम इसी चरण में आते हैं। इस अवस्था के अंतर्गत उद्यमी द्वारा किए जाने वाले प्रमुख क्रियाकलाप निम्नानुसार है:

    1. इकाई से संबंधित प्राथमिक ढ़ांचा तैयार करना।
    2. भूमि की व्यवस्था करना।
    3. नगरपालिका अथवा ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्रा प्राप्त करना
    4. विद्युत विभाग से विद्युत-प्रदाय करने हेतु सहमति पत्र
    5. मशीनरी हेतु कोटेशन प्राप्त करना
    6.    जमानतदार तैयार करना।
    7. प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना।
    8. संबंधित विभागों से अनापत्ति/सहमति/स्वीकृति-पत्र प्राप्त करना।
    9. प्रदूषण नियंत्राण मंडल से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना।
    10. बैंक से चर्चा करना तथा सहमति-पत्र प्राप्त करना।
    11. ऋण हेतु आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना।

    तृतीय अवस्था:

    तृतीय अवस्था के अंतर्गत उद्यमी को इकाई की स्थापना हेतु विभिन्न प्रभावी कदम उठाने होते हैं यथा पफैक्ट्री भवन का निर्माण, मशीनों की प्राप्ति तथा उत्पादन प्रारंभ करना। इस चरण के अंतर्गत किए जाने वाले प्रमुख क्रियाकलाप निम्नानुसार हैं:

    1. वित्तीय संस्था से वित्तीय सहायता हेतु स्वीकृति प्राप्त करना

    वित्तीय सहायता प्राप्त करने के संदर्भ में संबंधित संस्था द्वारा यदि कोई अतिरिक्त जानकारी चाहिए, तो वह उसे प्रदान की जाती है तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा यदि परियोजना से संबंधित कोई प्रश्न/स्पष्टीकरण पूछा जाए तो उसका भी संतोषजनक उत्तर/हल प्रदान करने का प्रयास उद्यमी द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त कई बार वित्तीय संस्थाओं द्वारा आवदेन पत्रा प्रस्तुत करते समय उद्यमी द्वारा दी गई जानकारियों का प्रमाण भी उससे मांगा जा सकता है, जो कि उसे देना होता है। ऋण स्वीकृत हो जाने के उपरांत उद्यमी को उन समस्त तथ्यों की मूल प्रतियों की पुष्टि करवानी होती है, जो उद्यमी ने अपना प्रकरण प्रस्तुत करते समय संलग्न किए हों। ऋण स्वीकृत करते समय कई बार वित्तीय संस्थाओं द्वारा कई अतिरिक्त शर्तें भी रखी जाती हैं, जिन्हें उद्यमी को पूरा करना होता है।

    1. वित्तीय संस्थाओं द्वारा चाही गई मार्जिन मनी जमा करवाना

    ऋण स्वीकृति उपरांत वित्तीय संस्थाओं द्वारा उद्यमियों को मार्जिन मनी जमा करने के लिए कहा जाता है।

    1. ऋण राशि का प्रदाय

    उद्यमियों द्वारा मार्जिन मनी/अर्नेस्ट मनी जमा करने के उपरांत सावधिक ऋण की राशि रिलीज की जाती है अथवा मशीनरी के प्रदायकर्ता को मशीनरी प्रदान करने हेतु आदेश प्रेषित कर दिए जाते हैं।

    1. फैक्ट्री बिल्डिंग तैयार करना

    यदि उद्यमी को उसकी इकाई हेतु फैक्ट्री-बिल्डिंग का निर्माण करना हो तो इस स्तर पर उसके द्वारा फैक्ट्री बिल्डिंग के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाता है, क्योंकि मशीनरी आने से पहले फैक्ट्री बिल्डिंग के निर्माण का कार्य पूरा हो जाना चाहिए।

    1. मशीनों की प्राप्ति हेतु आदेश प्रस्तुत करना

    जिन इकाइयों के संदर्भ में उद्यमी द्वारा फैक्ट्री भवन बनाने का प्रयोजन न हो उनमें लीगल डाक्यूमेंटेशन पूर्ण हो जाने तथा वित्तीय संस्थाओं में मार्जिन मनी जमा करवा देने के बाद मशीनरी प्रदाय हेतु मशीनरी प्रदायकर्ताओं को आदेश प्रदाय कर दिए जाते हैं परंतु यदि फैक्ट्री बिल्डिंग बनाना हो, तो फैक्ट्री बिल्डिंग के निर्माण के साथ-साथ उद्यमी द्वारा मशीनरी के प्रदाय हेतु भी आदेश मशीनरी प्रदायकर्ता को प्रस्तुत कर दिए जाते हैं ताकि जब फैक्ट्री बिल्डिंग पूर्ण हो तब तक मशीनरी तैयार हो जाए।

    1. मशीनों द्वारा उपकरणों की स्थापना

    फैक्ट्री बिल्डिंग पूर्ण हो जाने के उपरांत तथा मशीनरी के इकाई के स्थापना स्थल पर आ जाने के उपरांत तथा उपयुक्त फाउंडेशन आदि बना लेने के बाद निर्धारित उत्पादन प्रक्रिया के अनुसार मशीनरी की स्थापना की जाती है।

    1. विद्युत कनेक्शन प्राप्त करना

    यद्यपि विद्युत प्राप्ति हेतु विद्युत विभाग से सहमति-पत्र उद्यमी द्वारा पूर्व में ही प्राप्त कर लिया जाता है, परंतु जब उसे वास्तव में कनेक्शन प्राप्त करना होता है, तो विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु उद्यमी को सुरक्षा निधि, सर्विस कनेक्शन चार्ज, सेवा शुल्क आदि जमा कराने को कहा जाता है। अतः जब उद्यमी की फैक्ट्री बिल्डिंग पूर्ण हो जाती है तथा मशीनरी स्थापित हो जाती है तो, उद्यमी द्वारा विभाग में निर्धारित शुल्क जमा करवा दिया जाता है। तदुपरांत एग्रीमेंट एवं टेस्ट-रिपोर्ट संबंधी कार्यवाही पूर्ण हो जाने के उपरांत इकाई को विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाता है।

    1. इकाई द्वारा व्यावसायिक उत्पादन

    मशीनरी की स्थापना तथा विद्युत कनेक्शन मिल जाने के उपरांत यह जानने के लिए कि मशीनरी सही रूप से स्थापित हुई है तथा इससे सही रूप से तथा आशा के अनुरूप उत्पादन हो रहा है या नहीं, इकाई द्वारा परीक्षण/प्रयोगात्मक उत्पादन किया जाता है। इस स्तर पर उत्पादित माल को ग्राहकों की प्रतिक्रिया जानने हेतु बहुधा बाजार में भी भेज दिया जाता है। यह पाए जाने पर कि संबंधित मशीनों द्वारा निर्धारित उत्पादन प्रक्रिया के अनुसार, जो माल तैयार किया जा रहा है वह सही है तथा विपणन/बिक्री योग्य है, इकाई द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया जाता है तथा इसे बाजार में बिक्री हेतु भेज दिया जाता है।

    1. इकाई स्थापना हेतु ज्ञापन प्रस्तुत करना

    कोई भी व्यक्ति जो सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम की स्थापना करना चाहता है या ऐसी किसी गतिविधि में संलग्न है उसे इस हेतु निर्धारित प्रारूप में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में ज्ञापन प्रस्तुत करना होता है। ज्ञापन का प्रारूप दो भागों में होता है, जिनमें से ज्ञापन का भाग एक प्रस्तावित इकाइयों के लिए अर्थात उन उद्यमियों के लिए होता है, जो नवीन इकाई स्थापित करने जा रहे हैं, जबकि ज्ञापन का भाग, दो विद्यमान उद्यमियों अर्थात कार्यरत इकाइयों के लिए होता है।

    पैसा जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है, हर व्यक्ति अपने जीवन में पैसा कमाना चाहता है।

    नये उद्यमियों व्यवसायिओंए तकनीकी परामर्शदाताओं आदि के लिए यह अमूल्य मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

    List of Suggested Small Scale Projects/ Business:

    1. AAC/& ACSR Conductor upto 19 strands
    2. Agricultural Implements
    3. Hand Operated tools & implements
    4. Animal driven implements
    5. Air/Room Coolers
    6. Aluminium builder’s hardware
    7. Bags of all types i.e. made of leather, cotton, canvas & jute etc. including kit bags, mail bags, sleeping bags & water-proof bag
    8. Bandage cloth
    9. Barbed Wire
    10. Basket cane (Procurement can also be made from State Forest Corpn. and State Handicrafts Corporation)
    11. Bath tubs
    12. Battery Charger
    13. Candle Wax Carriage
    14. Cane Valves/stock valves (for water fittings only)
    15. Cans metallic (for milk & measuring)
    16. Cotton Packs
    17. Cotton Pouches
    18. Cotton Ropes
    19. Curtains mosquito
    20. Cutters
    21. Dibutyl phthalate
    22. Diesel engines upto 15 H.P
    23. Dimethyl Phthalate
    24. Disinfectant Fluids
    25. Distribution Board upto 15 amps
    26. Electronic door bell
    27. Emergency Light (Rechargeable type)
    28. Enamel Wares & Enamel Utensils
    29. Equipment camouflage Bamboo support
    30. Exhaust Muffler
    31. Fuse Cut outs
    32. Fuse Unit
    33. Garments (excluding supply from Indian Ordnance Factories)
    34. Gas mantels
    35. Gauze cloth
    36. Gauze surgical all types
    37. Hand gloves of all types
    38. Hand Lamps Railways
    39. Key board wooden
    40. Kit Boxes
    41. Kodali
    42. Lace leather
    43. Mallet Wooden
    44. Manhole covers
    45. Nylon Stocking
    46. Nylon Tapes and Laces
    47. Oil Bound Distemper
    48. PVC Footwears
    49. PVC pipes upto 110 mm
    50. Roof light Fittings
    51. Rubber Balloons
    52. Silk Webbing

     

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